ईरानी इस्लामी गणतंत्र द्वारा सियोनिस्ट इजरायली हमले के खिलाफ साहसिक बचाव के मौके पर "मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह (स.अ.व.)" ग्रुप ने इस आयत का सामूहिक पाठ किया। यह आयत मुसलमानों को यह बड़ी खुशखबरी देती है कि अगर वे अल्लाह के दीन की मदद करेंगे, तो अल्लाह भी उनकी मदद करेगा और उनके कदमों को मजबूती प्रदान करेगा।
इस तरह के आयत-पाठ कार्यक्रम ईरान में धार्मिक-राजनीतिक घटनाओं के दौरान आम हैं, जो जिहाद, सब्र और इलाही मदद के विषयों पर जोर देते हैं।
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